भारतीय संगीत में स्वर
22 श्रुतियो से मुख्य,12 श्रुतियो को स्वर कहते है । स्वर को नाम इस प्रकार है ।
सा - षडज
रे - ऋषभ
ग - गांधार
म - मध्यम
प - पंचम
ध - धैवत
नी - निषाद
क्रमश - सा रे ग म प ध नी कहा जाता है ।
और पिछले ब्लॉग के माध्यम से हमने इन सभी स्वरों की श्रुति पर स्थापना सिखी है।
बतायी गयी वही आधुनिक श्रुति स्वर व्यवस्था शुद्ध सप्तक कहलाता है ।
स्वरों के प्रकार - चल स्वर एवं चल स्वर
अचल स्वर - सा और प (जिनका श्रुति स्थान निश्चित है ।)
चल - रे ग ध नी (जिनका श्रुति स्थान निश्चित होने कि साथ चल भी है ।)
चल स्वर कि 3 रूप है एक रूप है - शुद्ध ,कोमल और तीव्र
कोमल - ऋषभ, गांधार, धैवत, निषाद
तीव्र - मध्यम
कुलमिलकर हमारे पास 7 शुद्ध ,4 कोमल एवं 1 तीव्र स्वर है।
अर्थात 12 स्वर है जो क्रमश निम्नलिखित रूप में है
सा रे रे ग ग म मे प ध ध नी नी
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12
सुंदर !
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